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नवरात्र के तीसरे दिन पौराणिक देवीधामों में मां चंद्रघंटा का विधि-विधान से पूजन-अर्चन हुआ। श्रद्धालुओं ने मां को हलुआ-पूड़ी का प्रसाद अर्पित कर सुख-समृद्धि का आशीष मांगा। देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। भक्ति और आस्था का यह रेला देर शाम तक उमड़ा रहा। मां के जयकारे व मंगलगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा।
बासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन देवीधामों में अलग ही छटा दिख रही थी। मां बेल्हादेवी धाम में भोर में ही दर्शन-पूजन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमडने लगी। सुबह 9 बजे के बाद महिलाओं की भीड़ बढने लगी। परिवार के साथ आईं महिलाओं ने मंदिर परिसर में चूल्हा तैयार कर मां के लिए हलुआ-पूड़ी का प्रसाद तैयार किया। इस दौरान मां के जयकारे व मंगलगीत गूंजते रहे। महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से मां को हलुआ-पूड़ी का प्रसाद अर्पित किया।
सई नदी के तट पर स्थित मां बाराही देवी धाम में भी दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों की भीड़ रही। भोर से ही दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो गया था। सुबह 9 बजे के बाद मंदिर परिसर में जगह-जगह महिलाओं ने चूल्हा तैयार कर रोट व हलुआ तैयार किया। जयकारे व मंगलगीत के बीच मां को प्रसाद अर्पित कर मन्नतें मांगीं। इसी तरह मंा चंद्रिका देवी धाम में भी महिलाओं ने पूजन-अर्चन किया। पूरा वातावारण भक्तिमय बना रहा।
मां बाराही देवी धाम में सुबह-शाम भंडारे का आयोजन हो रहा है। भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने को लेकर भक्तों की लंबी कतार लग रही है। इसके अलावा मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन का भी आयोजन हो रहा है। सुबह से शाम तक देवी मां की भक्ति में लोग तल्लीन देखे जा रहे हैं।
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मंगल पांडेय ने फूंकी थी क्रांति की ज्वाला
परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडेय के शहादत दिवस पर कलेक्ट्रेट पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वक्ताओं ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप शुक्ल ने कहा कि मंगल पांडेयजी के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय प्रथम स्वतंत्रता संगाम सेनानी थे। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग का ऐलान कर राष्ट्र में क्रांति की ज्वाला फूंकी थी। इस दौरान पदाधिकारियों ने नगर के कंपनी गार्डेन में मंगल पांडे की प्रतिमा के अनावरण की मांग की। अधिवक्ता पं. शिवेश शुक्ल ने कहा कि मंगल पांडेय का जीवन युवाओं के लिए एक मिसाल है। इनका बलिदान सदा ही राष्ट्र को स्मरण रहेगा। इस अवसर पर अभिषेक त्रिपाठी, अच्युतानंद पांडेय, कपिल पांडेय, संजय तिवारी, रत्नेश शुक्ला, विनोद पांडेय, शैलेश मिश्र, साकेत पांडेय आदि मौजूद रहे।
नवरात्र के तीसरे दिन पौराणिक देवीधामों में मां चंद्रघंटा का विधि-विधान से पूजन-अर्चन हुआ। श्रद्धालुओं ने मां को हलुआ-पूड़ी का प्रसाद अर्पित कर सुख-समृद्धि का आशीष मांगा। देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। भक्ति और आस्था का यह रेला देर शाम तक उमड़ा रहा। मां के जयकारे व मंगलगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा।
बासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन देवीधामों में अलग ही छटा दिख रही थी। मां बेल्हादेवी धाम में भोर में ही दर्शन-पूजन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमडने लगी। सुबह 9 बजे के बाद महिलाओं की भीड़ बढने लगी। परिवार के साथ आईं महिलाओं ने मंदिर परिसर में चूल्हा तैयार कर मां के लिए हलुआ-पूड़ी का प्रसाद तैयार किया। इस दौरान मां के जयकारे व मंगलगीत गूंजते रहे। महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से मां को हलुआ-पूड़ी का प्रसाद अर्पित किया।
सई नदी के तट पर स्थित मां बाराही देवी धाम में भी दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों की भीड़ रही। भोर से ही दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो गया था। सुबह 9 बजे के बाद मंदिर परिसर में जगह-जगह महिलाओं ने चूल्हा तैयार कर रोट व हलुआ तैयार किया। जयकारे व मंगलगीत के बीच मां को प्रसाद अर्पित कर मन्नतें मांगीं। इसी तरह मंा चंद्रिका देवी धाम में भी महिलाओं ने पूजन-अर्चन किया। पूरा वातावारण भक्तिमय बना रहा।
मां बाराही देवी धाम में सुबह-शाम भंडारे का आयोजन हो रहा है। भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने को लेकर भक्तों की लंबी कतार लग रही है। इसके अलावा मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन का भी आयोजन हो रहा है। सुबह से शाम तक देवी मां की भक्ति में लोग तल्लीन देखे जा रहे हैं।
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मंगल पांडेय ने फूंकी थी क्रांति की ज्वाला
परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडेय के शहादत दिवस पर कलेक्ट्रेट पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वक्ताओं ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप शुक्ल ने कहा कि मंगल पांडेयजी के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय प्रथम स्वतंत्रता संगाम सेनानी थे। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग का ऐलान कर राष्ट्र में क्रांति की ज्वाला फूंकी थी। इस दौरान पदाधिकारियों ने नगर के कंपनी गार्डेन में मंगल पांडे की प्रतिमा के अनावरण की मांग की। अधिवक्ता पं. शिवेश शुक्ल ने कहा कि मंगल पांडेय का जीवन युवाओं के लिए एक मिसाल है। इनका बलिदान सदा ही राष्ट्र को स्मरण रहेगा। इस अवसर पर अभिषेक त्रिपाठी, अच्युतानंद पांडेय, कपिल पांडेय, संजय तिवारी, रत्नेश शुक्ला, विनोद पांडेय, शैलेश मिश्र, साकेत पांडेय आदि मौजूद रहे।