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बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी) में डॉ. फिरोज खान के पढ़ाने पर संशय अभी भी बना हुआ है। छात्रों का विरोध समाप्त होने नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं उनके समर्थन में भी छात्र खड़े हुए हैं।
इस बीच आयुर्वेद संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भी दावेदारी पेश कर डॉ. फिरोज खान ने सस्पेंस को और भी बढ़ा दिया है। तो वहीं कला संकाय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जारी मेरिट सूची में नाम आने के बाद और ज्यादा संशय बढ़ गया है।
संस्कृत विभाग में एक सीट पर 13 दावेदार
बीएचयू कला संकाय के संस्कृत विभाग में होने वाले साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के लिए सफलता पाना चुनौती से कम नहीं होगा। ऐसा इसलिए कि ओबीसी के तीन पदों के लिए मेरिट सूची में 39 अभ्यर्थियों का नाम शामिल हैं। एक ही नंबर पर 12 से लेकर पांच अभ्यर्थी हैं। लिहाजा, साक्षात्कार का परिणाम रोचक होगा। मेरिट सूची में फिरोज का नाम भी शामिल हैं।
विश्वविद्यालय परिसर में कयास लगाए जाने लगे हैं कि विवाद को देखते हुए डॉ. फिरोज एसवीडीवी छोड़ भी सकते हैं। दरअसल आयुर्वेद संकाय के साथ ही कला संकाय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए डॉ. फिरोज ने आवेदन किया था। आयुर्वेद संकाय के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया हाल ही में मुकम्मल हुई, जिसका परिणाम लंबित है।
वहीं संस्कृत विभाग के लिए चार दिसंबर को साक्षात्कार प्रस्तावित है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि आयुर्वेद संकाय और संस्कृत विभाग के परिणाम एक ही दिन जारी हो सकते हैं।
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. फिरोज खान का इंटरव्यू पांच नवंबर को हुआ था। जिसके बाद उन्हें नियुक्त किया गया। इधर छात्रों ने साहित्य विभाग में उनकी नियुक्ति का विरोध करना शुरू कर दिया और सात नवंबर से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए थे।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 15वें दिन यानी 21 नवंबर को लिखित सहमति पत्र दिया। इसके बाद छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। 30 नवंबर को दस दिन बीत गए। लेकिन सोमवार को संकाय प्रमुख ने जो जवाब दिया, उससे छात्र सहमत नहीं हुए और विरोध में तालाबंदी कर धरने पर फिर से बैठ गए हैं।
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी) में डॉ. फिरोज खान के पढ़ाने पर संशय अभी भी बना हुआ है। छात्रों का विरोध समाप्त होने नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं उनके समर्थन में भी छात्र खड़े हुए हैं।
इस बीच आयुर्वेद संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भी दावेदारी पेश कर डॉ. फिरोज खान ने सस्पेंस को और भी बढ़ा दिया है। तो वहीं कला संकाय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जारी मेरिट सूची में नाम आने के बाद और ज्यादा संशय बढ़ गया है।
संस्कृत विभाग में एक सीट पर 13 दावेदार
बीएचयू कला संकाय के संस्कृत विभाग में होने वाले साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के लिए सफलता पाना चुनौती से कम नहीं होगा। ऐसा इसलिए कि ओबीसी के तीन पदों के लिए मेरिट सूची में 39 अभ्यर्थियों का नाम शामिल हैं। एक ही नंबर पर 12 से लेकर पांच अभ्यर्थी हैं। लिहाजा, साक्षात्कार का परिणाम रोचक होगा। मेरिट सूची में फिरोज का नाम भी शामिल हैं।
विश्वविद्यालय परिसर में कयास लगाए जाने लगे हैं कि विवाद को देखते हुए डॉ. फिरोज एसवीडीवी छोड़ भी सकते हैं। दरअसल आयुर्वेद संकाय के साथ ही कला संकाय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए डॉ. फिरोज ने आवेदन किया था। आयुर्वेद संकाय के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया हाल ही में मुकम्मल हुई, जिसका परिणाम लंबित है।
वहीं संस्कृत विभाग के लिए चार दिसंबर को साक्षात्कार प्रस्तावित है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि आयुर्वेद संकाय और संस्कृत विभाग के परिणाम एक ही दिन जारी हो सकते हैं।
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. फिरोज खान का इंटरव्यू पांच नवंबर को हुआ था। जिसके बाद उन्हें नियुक्त किया गया। इधर छात्रों ने साहित्य विभाग में उनकी नियुक्ति का विरोध करना शुरू कर दिया और सात नवंबर से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए थे।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 15वें दिन यानी 21 नवंबर को लिखित सहमति पत्र दिया। इसके बाद छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। 30 नवंबर को दस दिन बीत गए। लेकिन सोमवार को संकाय प्रमुख ने जो जवाब दिया, उससे छात्र सहमत नहीं हुए और विरोध में तालाबंदी कर धरने पर फिर से बैठ गए हैं।