न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Updated Wed, 18 Nov 2020 04:15 PM IST
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बनारस में धीर-धीरे पारा नीचे जा रहा है। प्रदूषण भी अब बढ़ने लगा है। सुबह-सुबह शहर में स्मॉग की चादर दिखने लगी है। धुएं का चैंबर बने शहरों में वातावरण में नमी घुलने के साथ ही स्मॉग का चारों ओर असर नजर आने लगा है।
आज सुबह में आसमान तो साफ रहा लेकिन धूल, और धुएं से स्मॉग की चादर छाने लगी। वातावरण में कोहरे की चादर दिखती रही, लेकिन प्रदषण के कारण यह कोहरा जहरीले स्मॉग में बदल रहा था।
पिछले तीन-चार दिनों से उत्तर पश्चिमी नम हवाओं के चलने का असर अब दिखने लगा है। तापमान में उतार चढ़ाव के बाद बुधवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। सुबह से आसमान में बादल छाए रहने के बाद दोपहर में कुछ जगहों पर बूंदाबांदी तो कही हल्की बारिश भी हुई। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ही बूंदाबांदी हो रही है। अब आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी।
दीपावली के बाद से ही पूर्वांचल के कई जिलों में मौसम में तेजी से बदलाव आया है। हवा में नमी, बूंदाबांदी होने के साथ ही तापमान में भी उतार चढ़ाव बना है। इस बीच बुधवार को जिस तरह से अचानक मौसम बदला है, उससे ठंड का अहसास भी अन्य दिनों की तरह अधिक रहा।
मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ही वाराणसी और आसपास के जिलों में बूंदाबांदी की संभावना बृहस्पतिवार तक बनी है। हिमालय से आ रही उत्तर पश्चिमी नम हवाएं चलने से आने वाले दिनों में ठंड भी बढ़ेगी।
क्या होता है स्मॉग
धुएं (स्मॉक) और कोहरे (फॉग) से मिलकर बना होता है। वायु प्रदूषण के एक मिश्रण से बना होता है। इसमें नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड और कुछ अन्य कार्बनिक यौगिक होते हैं। स्मॉग न केवल मनुष्य के लिए बल्कि यह पौधों, जानवरों और पूरी प्रकृति के लिए हानिकारक है।
बनारस में धीर-धीरे पारा नीचे जा रहा है। प्रदूषण भी अब बढ़ने लगा है। सुबह-सुबह शहर में स्मॉग की चादर दिखने लगी है। धुएं का चैंबर बने शहरों में वातावरण में नमी घुलने के साथ ही स्मॉग का चारों ओर असर नजर आने लगा है।
आज सुबह में आसमान तो साफ रहा लेकिन धूल, और धुएं से स्मॉग की चादर छाने लगी। वातावरण में कोहरे की चादर दिखती रही, लेकिन प्रदषण के कारण यह कोहरा जहरीले स्मॉग में बदल रहा था।
पिछले तीन-चार दिनों से उत्तर पश्चिमी नम हवाओं के चलने का असर अब दिखने लगा है। तापमान में उतार चढ़ाव के बाद बुधवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। सुबह से आसमान में बादल छाए रहने के बाद दोपहर में कुछ जगहों पर बूंदाबांदी तो कही हल्की बारिश भी हुई। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ही बूंदाबांदी हो रही है। अब आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी।
दीपावली के बाद से ही पूर्वांचल के कई जिलों में मौसम में तेजी से बदलाव आया है। हवा में नमी, बूंदाबांदी होने के साथ ही तापमान में भी उतार चढ़ाव बना है। इस बीच बुधवार को जिस तरह से अचानक मौसम बदला है, उससे ठंड का अहसास भी अन्य दिनों की तरह अधिक रहा।
मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ही वाराणसी और आसपास के जिलों में बूंदाबांदी की संभावना बृहस्पतिवार तक बनी है। हिमालय से आ रही उत्तर पश्चिमी नम हवाएं चलने से आने वाले दिनों में ठंड भी बढ़ेगी।
क्या होता है स्मॉग
धुएं (स्मॉक) और कोहरे (फॉग) से मिलकर बना होता है। वायु प्रदूषण के एक मिश्रण से बना होता है। इसमें नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड और कुछ अन्य कार्बनिक यौगिक होते हैं। स्मॉग न केवल मनुष्य के लिए बल्कि यह पौधों, जानवरों और पूरी प्रकृति के लिए हानिकारक है।