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महाकुंभ नजदीक आने के साथ ही कार्यदायी संस्था के सामने विपरीत परिस्थितियों में अच्छी सड़कें बनाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। शहर की अधिकतर सड़कें खुदी हैं। लिहाजा रातों-रात डामरीकरण हो रहा है। तापमान कम होने से कोलतार सड़क पर मजबूती से पकड़ नहीं बना पा रहा है। नतीजा, सड़क बनते ही हफ्तेभर में उखड़ जा रही है। वहीं, स्थानीय लोग गुणवत्ता पर भी सवाल उठा रहे हैं।
ठंड के सीजन में आमतौर पर सड़कों का डामरीकरण कार्य नहीं होता है, लेकिन हरिद्वार में परिस्थितियां अलग हैं। जनवरी से महाकुंभ का आगाज होगा। इससे पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त की जानी हैं। बिजली, गैस, सीवर और पेयजल लाइनें बिछाने के साथ मरम्मत के काम भी हो रहे हैं। सड़कों के किनारे फुटपाथ और नाली निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्यों को 31 दिसंबर तक पूरा करने का दबाव है। ऐसे में ठेकेदार रातोंरात सड़क तैयार कर रहे हैं जबकि इस समय रात का तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है। आमतौर पर निर्माण एजेंसियां इतने कम तापमान में डामरीकरण नहीं करती हैं, लेकिन अधिकतर सड़कों का डामरीकरण रात को हो रहा है ताकि दिन में जाम की समस्या न हो। जगजीतपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क कई जगहों पर उखड़ने लगी है। देवपुरा चौक से तुलसी चौक जाने वाले मार्ग और अपर रोड पर कई जगहों पर डामरीकरण के बाद सड़क उखड़ गई है। इससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
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आमतौर पर ठंड के मौसम में सड़कों का डामरीकरण कार्य नहीं होता है। ठंड में कोलतार मजबूत पकड़ नहीं कर पाता है। जनवरी से महाकुंभ का आगाज है। लिहाजा सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। गुणवत्ता खराब मिलने पर कार्यदायी संस्था से दोबारा निर्माण कराया जा रहा है।
-दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता, लोनिवि
महाकुंभ नजदीक आने के साथ ही कार्यदायी संस्था के सामने विपरीत परिस्थितियों में अच्छी सड़कें बनाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। शहर की अधिकतर सड़कें खुदी हैं। लिहाजा रातों-रात डामरीकरण हो रहा है। तापमान कम होने से कोलतार सड़क पर मजबूती से पकड़ नहीं बना पा रहा है। नतीजा, सड़क बनते ही हफ्तेभर में उखड़ जा रही है। वहीं, स्थानीय लोग गुणवत्ता पर भी सवाल उठा रहे हैं।
ठंड के सीजन में आमतौर पर सड़कों का डामरीकरण कार्य नहीं होता है, लेकिन हरिद्वार में परिस्थितियां अलग हैं। जनवरी से महाकुंभ का आगाज होगा। इससे पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त की जानी हैं। बिजली, गैस, सीवर और पेयजल लाइनें बिछाने के साथ मरम्मत के काम भी हो रहे हैं। सड़कों के किनारे फुटपाथ और नाली निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्यों को 31 दिसंबर तक पूरा करने का दबाव है। ऐसे में ठेकेदार रातोंरात सड़क तैयार कर रहे हैं जबकि इस समय रात का तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है। आमतौर पर निर्माण एजेंसियां इतने कम तापमान में डामरीकरण नहीं करती हैं, लेकिन अधिकतर सड़कों का डामरीकरण रात को हो रहा है ताकि दिन में जाम की समस्या न हो। जगजीतपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क कई जगहों पर उखड़ने लगी है। देवपुरा चौक से तुलसी चौक जाने वाले मार्ग और अपर रोड पर कई जगहों पर डामरीकरण के बाद सड़क उखड़ गई है। इससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
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आमतौर पर ठंड के मौसम में सड़कों का डामरीकरण कार्य नहीं होता है। ठंड में कोलतार मजबूत पकड़ नहीं कर पाता है। जनवरी से महाकुंभ का आगाज है। लिहाजा सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। गुणवत्ता खराब मिलने पर कार्यदायी संस्था से दोबारा निर्माण कराया जा रहा है।
-दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता, लोनिवि