16वीं गढ़वाल राइफल के सूबेदार स्वतंत्र सिंह (46) ने देश की सीमा की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। उनके शहीद होने की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, वे अचेत हो गए। 82 वर्षीय मां प्यारी देवी घर के सुबकते बिलखते हुए आंगन में ऐसे टहलने लगी, जैसे उसे बेटे के लौटने का इंतजार हो।