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पिथौरागढ़। मूल रूप से पिथौरागढ़ की सौन पट्टी के बुडलगांव निवासी शिवानी सौन मुंबई में रहकर कुमाऊंनी भाषा का प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। वो पिछले सात सालों से मुंबई में रहकर लोगों को कुमाऊंनी भाषा को लेकर जागरूक कर रही हैं। साथ ही कुमाऊंनी भाषा में गीतों की रचना कर उनको यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से प्रसारित कर रही हैं। उनका नया कुमाऊंनी गाना ‘घाम लागलो’ ने इन दिनों धमाल मचा रखा है।
शिवानी सौन के नये गीत घाम लागलो को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है। यह गीत हाल ही में एसएस म्यूजिक पर जारी हुआ है। उत्तराखंड के गायक और गीतकार जगमोहन दिगारी ने इस गाने को लिखा है और संगीतकार रामेश्वर गैरोला ने संगीत दिया है। शिवानी सौन मुंबई में पढ़ी लिखी हैं उनका जन्म भी मुंबई में हुआ है।
शिवानी पिछले सात सालों से मुंबई में रहकर अपनी बोली भाषा के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। शिवानी सौन के पिता बलवंत सिंह सौन और माता विमला देवी का कहना है कि शिवानी को बचपन से ही कुमाऊंनी भाषा को लेकर दिलचस्पी है। वो अपनी भाषा को लेकर यहां पर कार्य कर रही है। शिवानी इससे पूर्व कौसानी बाजार, तेरो इंतजार सहित कई गाने गा चुकी हैं। साथ ही मुंबई में होने वाले कार्यक्रमों में वह कुमाऊंनी भाषा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करती हैं।
पिथौरागढ़। मूल रूप से पिथौरागढ़ की सौन पट्टी के बुडलगांव निवासी शिवानी सौन मुंबई में रहकर कुमाऊंनी भाषा का प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। वो पिछले सात सालों से मुंबई में रहकर लोगों को कुमाऊंनी भाषा को लेकर जागरूक कर रही हैं। साथ ही कुमाऊंनी भाषा में गीतों की रचना कर उनको यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से प्रसारित कर रही हैं। उनका नया कुमाऊंनी गाना ‘घाम लागलो’ ने इन दिनों धमाल मचा रखा है।
शिवानी सौन के नये गीत घाम लागलो को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है। यह गीत हाल ही में एसएस म्यूजिक पर जारी हुआ है। उत्तराखंड के गायक और गीतकार जगमोहन दिगारी ने इस गाने को लिखा है और संगीतकार रामेश्वर गैरोला ने संगीत दिया है। शिवानी सौन मुंबई में पढ़ी लिखी हैं उनका जन्म भी मुंबई में हुआ है।
शिवानी पिछले सात सालों से मुंबई में रहकर अपनी बोली भाषा के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। शिवानी सौन के पिता बलवंत सिंह सौन और माता विमला देवी का कहना है कि शिवानी को बचपन से ही कुमाऊंनी भाषा को लेकर दिलचस्पी है। वो अपनी भाषा को लेकर यहां पर कार्य कर रही है। शिवानी इससे पूर्व कौसानी बाजार, तेरो इंतजार सहित कई गाने गा चुकी हैं। साथ ही मुंबई में होने वाले कार्यक्रमों में वह कुमाऊंनी भाषा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करती हैं।