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मुवानी (पिथौरागढ़)। मुवानी को अलग विकासखंड बनाने की मांग एक बार फिर उठने लगी है। क्षेत्रवासियों ने इस मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
सालों से मुवानी घाटी को अलग विकासखंड बनाने की मांग की जा रही है। 1992 में स्थानीय लोगों ने संघर्ष समिति का गठन कर क्रमिक अनशन के साथ ही जुलूस प्रदर्शन किया था। आंदोलन को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने सीमांत जिले के क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए छोटी प्रशासनिक इकाई बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अलग राज्य बनने के बाद भी मुवानी घाटी को विकासखंड का दर्जा तो दूर छोटी प्रशासनिक इकाई भी नहीं बनाया गया।
हालात यह हैं कि यहां के लोगों को विकासखंड के कार्यों के लिए आज भी 75 किमी दूर कनालीछीना की दौड़ लगानी पड़ती है। विकासखंड से संचालित होने वाले सरकारी लाभ लेने से लोग वंचित रह जाते हैं। क्षेत्र के प्रतिनिधियों का कहना है कि अलग विकासखंड बनने पर मुवानी घाटी से लगे डीडीहाट एवं बेड़ीनाग के 60 ग्रामपंचायतों के लोगों को भी सुविधा मिलती। वरिष्ठ समाजसेवी राम सिंह राठौर, संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश बम, व्यापार संघ के अध्यक्ष सोबन सिंह कार्की, प्रधान गोदावरी बम, क्षेत्र समिति सदस्य कमलदीप बिष्ट, समाजसेवी संजय वर्मा, दीपक कार्की, डीबी पाल आदि ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर विकासखंड बनाने की मांग की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि विकासखंड बनने तक मुवानी में उप ब्लॉक मुख्यालय स्थापित कर सप्ताह में एक दिन कर्मचारियों की तैनाती करने की मांग की है।
मुवानी (पिथौरागढ़)। मुवानी को अलग विकासखंड बनाने की मांग एक बार फिर उठने लगी है। क्षेत्रवासियों ने इस मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
सालों से मुवानी घाटी को अलग विकासखंड बनाने की मांग की जा रही है। 1992 में स्थानीय लोगों ने संघर्ष समिति का गठन कर क्रमिक अनशन के साथ ही जुलूस प्रदर्शन किया था। आंदोलन को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने सीमांत जिले के क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए छोटी प्रशासनिक इकाई बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अलग राज्य बनने के बाद भी मुवानी घाटी को विकासखंड का दर्जा तो दूर छोटी प्रशासनिक इकाई भी नहीं बनाया गया।
हालात यह हैं कि यहां के लोगों को विकासखंड के कार्यों के लिए आज भी 75 किमी दूर कनालीछीना की दौड़ लगानी पड़ती है। विकासखंड से संचालित होने वाले सरकारी लाभ लेने से लोग वंचित रह जाते हैं। क्षेत्र के प्रतिनिधियों का कहना है कि अलग विकासखंड बनने पर मुवानी घाटी से लगे डीडीहाट एवं बेड़ीनाग के 60 ग्रामपंचायतों के लोगों को भी सुविधा मिलती। वरिष्ठ समाजसेवी राम सिंह राठौर, संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश बम, व्यापार संघ के अध्यक्ष सोबन सिंह कार्की, प्रधान गोदावरी बम, क्षेत्र समिति सदस्य कमलदीप बिष्ट, समाजसेवी संजय वर्मा, दीपक कार्की, डीबी पाल आदि ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर विकासखंड बनाने की मांग की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि विकासखंड बनने तक मुवानी में उप ब्लॉक मुख्यालय स्थापित कर सप्ताह में एक दिन कर्मचारियों की तैनाती करने की मांग की है।