नई टिहरी के मगरौं में इगास बग्वाल पर माधो सिंह भंडारी पर नृत्य नाटिका का मंचन करते कलाकार।
- फोटो : NEW TEHRI
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ईगास बग्वाल बूढ़ी दीपावली टिहरी जिले में धूमधाम और पारंपरिक तरीके से मनाई गई। पौखाल के मगरों में ईगास पर वीर भड़ माधो सिंह भंडारी नृत्य नाटिका, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और सामूहिक भड़ू की दाल-भात का आयोजन किया गया।
बुधवार को गुरु माणिकनाथ सर्वजन कल्याण सेवा संस्था की पहल पर महामंगलेश्वर महादेव मगरों में ईगास पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सोहन लाल खंडेलवाल ने किया। तिब्बत से युद्ध जीतकर लौटे वीर योद्धा माधो सिंह भंडारी सहित अनेक लोककथाएं इससे जुड़ी है। संस्था के संरक्षक दिनेश प्रसाद कोठियाल ने बताया कि ईगास बग्वाल को आगे भी इसी तरह पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनाया जाएगा।
इस मौके पर सत्य नारायण सेमवाल के निर्देशन पर माधो सिंह भंडारी नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। कलाकारों ने शानदार अभिनय और डायलॉग से दर्शकों का मन मोहा। लखपत भंडारी नेगी और उनकी टीम प्रवासियों के साथ मगरों पहुंची थी। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह नेगी, जयवीर सिंह रावत, राकेश भट्ट, भारत भूषण, पार्वती देवी, सुनीता देवी, मीनाक्षी, प्रमिता देवी, शांति देवी आदि मौजूद रहे। इधर, नई टिहरी मोलधार क्षेत्र भी युवाओं की पहल पर इगास बग्वाल पर भैले खेले गए। इस मौके पर कुलदीप पंवार, राजेंद्र डोभाल, आशी रावत, दर्शनी रावत, रेनू रावत, सोहन सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।
विधायक ने राज्यसभा सांसद बलूनी के गांव में मनाई ईगास
पौड़ी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के गांव नकोट में ईगास धूमधाम से मनाया गया। सांसद के गांव पहुंचकर विधायक पौड़ी ने ग्रामीणों के ईगास मनाई।
बुधवार को विधायक पौड़ी मुकेश कोली बतौर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रतिनिधि के रूप में ईगास पर्व मनाने उनके गांव नकोट पहुंचे। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उन्होंने गो पूजन किया। विधायक ने गड़थ-बजूण रोड के डामरीकरण का भरोसा दिया। उन्होंने गांव के दो प्राचीन मंदिरों के के सौंदर्यीकरण को 1 लाख देने की घोषणा भी की। सांसद प्रतिनिधि संजय बलूनी ने कहा कि कोविड के चलते सांसद अनिल बलूनी गांव नहीं आ पाए। इस अवसर पर प्रधान खोला श्वेता लिंगवाल, सुलोचना देवी, प्रधान बजूण यशवंत सिंह, दाताराम बलूनी, दिवाकर बलूनी, प्रशांत, सतीश बलूनी, सुबोध नौटियाल, अनुसूया प्रसाद, महावीर सिंह नेगी, राजकुमार पोरी, संतोष, भुवन डोभाल आदि शामिल थे।
धूमधाम से मनाई ईगास
कर्णप्रयाग/गैरसैंण। बुधवार को कर्णप्रयाग, सिमली, लंगासू, नौटी, नंदासैंण, सेनू, चमोला में ईगास धूमधाम से मनाई गई। लोगों ने पशुओं को जौ के आटे का भोग लगाया और गाय माता व तुलसी की पूजा की। लोगों ने घरों के आंगन में उगाई गई तुलसी के पौधों को नए वस्त्र अर्पित किए। रात को दीप जलाने के बाद भैलो खेलकर बच्चों ने पटाखे फोड़े। वहीं गैरसैंण क्षेत्र में भी ईगास धूमधाम से मनाया गया। देवी देवताओं की पूजा कर पकवानों के साथ गो माता का पूजन किया। रात को गांव के खेतों में भैलो खेला गया। सारकोट, परवाड़ी, महरगांव, रामड़ा, कुंजापानी, पंचाली, नौगांव, नैल और देवपुरी में भी त्योहार की धूम रही। संवाद
समूह बनाकर खेले गए भैले
रुद्रप्रयाग। भैला ओ भैला, चल खेली औला, नाचा कूदा मारा फाल, फिर बौड़ी ऐगी बग्वाल ... लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के इस गीत के साथ गांव में बड़ी धूमधाम के साथ ईगास मनाई गई। जिले में लोगों ने समूह बनाकर भैलो खेला। एचएनबी केंद्रीय विवि श्रीनगर के पूर्व निदेशक प्रो. डीआर पुरोहित का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड के गढ़-कुमाऊं के गांवों में भैलो नृत्य के बिना दीपावली के त्योहार की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसके संरक्षण व प्रचार-प्रसार के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
नई टिहरी के मगरौं में इगास बग्वाल पर माधो सिंह भंडारी पर नृत्य नाटिका का मंचन करते कलाकार।- फोटो : NEW TEHRI
ईगास बग्वाल बूढ़ी दीपावली टिहरी जिले में धूमधाम और पारंपरिक तरीके से मनाई गई। पौखाल के मगरों में ईगास पर वीर भड़ माधो सिंह भंडारी नृत्य नाटिका, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और सामूहिक भड़ू की दाल-भात का आयोजन किया गया।
बुधवार को गुरु माणिकनाथ सर्वजन कल्याण सेवा संस्था की पहल पर महामंगलेश्वर महादेव मगरों में ईगास पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सोहन लाल खंडेलवाल ने किया। तिब्बत से युद्ध जीतकर लौटे वीर योद्धा माधो सिंह भंडारी सहित अनेक लोककथाएं इससे जुड़ी है। संस्था के संरक्षक दिनेश प्रसाद कोठियाल ने बताया कि ईगास बग्वाल को आगे भी इसी तरह पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनाया जाएगा।
इस मौके पर सत्य नारायण सेमवाल के निर्देशन पर माधो सिंह भंडारी नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। कलाकारों ने शानदार अभिनय और डायलॉग से दर्शकों का मन मोहा। लखपत भंडारी नेगी और उनकी टीम प्रवासियों के साथ मगरों पहुंची थी। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह नेगी, जयवीर सिंह रावत, राकेश भट्ट, भारत भूषण, पार्वती देवी, सुनीता देवी, मीनाक्षी, प्रमिता देवी, शांति देवी आदि मौजूद रहे। इधर, नई टिहरी मोलधार क्षेत्र भी युवाओं की पहल पर इगास बग्वाल पर भैले खेले गए। इस मौके पर कुलदीप पंवार, राजेंद्र डोभाल, आशी रावत, दर्शनी रावत, रेनू रावत, सोहन सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।
विधायक ने राज्यसभा सांसद बलूनी के गांव में मनाई ईगास
पौड़ी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के गांव नकोट में ईगास धूमधाम से मनाया गया। सांसद के गांव पहुंचकर विधायक पौड़ी ने ग्रामीणों के ईगास मनाई।
बुधवार को विधायक पौड़ी मुकेश कोली बतौर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रतिनिधि के रूप में ईगास पर्व मनाने उनके गांव नकोट पहुंचे। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उन्होंने गो पूजन किया। विधायक ने गड़थ-बजूण रोड के डामरीकरण का भरोसा दिया। उन्होंने गांव के दो प्राचीन मंदिरों के के सौंदर्यीकरण को 1 लाख देने की घोषणा भी की। सांसद प्रतिनिधि संजय बलूनी ने कहा कि कोविड के चलते सांसद अनिल बलूनी गांव नहीं आ पाए। इस अवसर पर प्रधान खोला श्वेता लिंगवाल, सुलोचना देवी, प्रधान बजूण यशवंत सिंह, दाताराम बलूनी, दिवाकर बलूनी, प्रशांत, सतीश बलूनी, सुबोध नौटियाल, अनुसूया प्रसाद, महावीर सिंह नेगी, राजकुमार पोरी, संतोष, भुवन डोभाल आदि शामिल थे।
धूमधाम से मनाई ईगास
कर्णप्रयाग/गैरसैंण। बुधवार को कर्णप्रयाग, सिमली, लंगासू, नौटी, नंदासैंण, सेनू, चमोला में ईगास धूमधाम से मनाई गई। लोगों ने पशुओं को जौ के आटे का भोग लगाया और गाय माता व तुलसी की पूजा की। लोगों ने घरों के आंगन में उगाई गई तुलसी के पौधों को नए वस्त्र अर्पित किए। रात को दीप जलाने के बाद भैलो खेलकर बच्चों ने पटाखे फोड़े। वहीं गैरसैंण क्षेत्र में भी ईगास धूमधाम से मनाया गया। देवी देवताओं की पूजा कर पकवानों के साथ गो माता का पूजन किया। रात को गांव के खेतों में भैलो खेला गया। सारकोट, परवाड़ी, महरगांव, रामड़ा, कुंजापानी, पंचाली, नौगांव, नैल और देवपुरी में भी त्योहार की धूम रही। संवाद
समूह बनाकर खेले गए भैले
रुद्रप्रयाग। भैला ओ भैला, चल खेली औला, नाचा कूदा मारा फाल, फिर बौड़ी ऐगी बग्वाल ... लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के इस गीत के साथ गांव में बड़ी धूमधाम के साथ ईगास मनाई गई। जिले में लोगों ने समूह बनाकर भैलो खेला। एचएनबी केंद्रीय विवि श्रीनगर के पूर्व निदेशक प्रो. डीआर पुरोहित का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड के गढ़-कुमाऊं के गांवों में भैलो नृत्य के बिना दीपावली के त्योहार की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसके संरक्षण व प्रचार-प्रसार के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
नई टिहरी के मगरौं में इगास बग्वाल पर माधो सिंह भंडारी पर नृत्य नाटिका का मंचन करते कलाकार।- फोटो : NEW TEHRI