अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन समन्वय समिति ने 12 सूत्री मांग को लेकर कलक्ट्रेट में धरना देकर डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उन्होंने केंद्र सरकार पर निजीकरण को बढ़ावा देने और श्रमिक विरोधी कानून बनाने का आरोप लगाया। दूसरी ओर ट्रेड यूनियन के आह्वान पर बृहस्पतिवार को पोस्ट ऑफिस और एलआईसी कर्मी भी हड़ताल पर रहे। बृहस्पतिवार को विभिन्न ट्रेड यूनियनों की समन्वय समिति ने कलक्ट्रेट में धरना देकर केंद्र सरकार पर बरसे। कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार श्रमिक, गरीब और किसान विरोधी फैसले लेकर कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने श्रमिक कानून में किए गए बदलाव को लेने, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक हटाने, हवाई अड्डे, रेलवे, बीएसएनएल, रक्षा कारखानों, कॉल इंडिया का निजीकरण न करने, कोविड-19, नोटबंदी के कारण बेरोजगार हुए लोगों को फिर ने रोजगार देने, मनरेगा में प्रत्येक जॉब कार्डधारक को वर्ष में दो सौ दिन का काम देने समेत 12 सूत्री मांगों का निराकरण करने की मांग की। धरना देने वालों में सीटू के जिला सचिव चिंतामणी थपलियाल, जयप्रकाश पांडेय, भगवान सिंह राणा, नित्यानंद बहुगुणा, गीता नेगी, बसंती नेगी, ओंकार नेगी, केशर सिंह राणा, राजेंद्र सकलानी, आशीष द्विवेदी, राजेश आदि शामिल थे। इधर, भारतीय डाक कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी एनपीए बंद करने, पुरानी पेंशन लागू करने, डाकघरों में पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे। धरना देने वालों में ग्रुप सी संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह नेगी, सचिव नीरज नौडियाल, चैन सिंह चौहान, अखवर सिंह पुंडीर, राजपाल सिंह नेगी बैठे रहे। गोपेश्वर। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) से जुड़े लोगों ने केंद्र व राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। इस मौके पर मदन मिश्रा, देवेंद्र सिंह बिष्ट, मनोज फरस्वाण, हीरा सिंह पंवार, नीरज, अब्बल सिंह, भूपाल सिंह रावत, विनोद कुमार, विद्या दत्त, सुमित्रा, रुक्मणी देवी, पुष्पा किमोठी, ज्योति बिष्ट आदि मौजूद थे। पौड़ी। केंद्रीय श्रम सुधार प्रस्तावों के खिलाफ डाक कर्मचारियों, उत्तराखंड किसान सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डाक सहायक के मंडलीय अध्यक्ष पदम भूषण सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है। आंदोलनकारियों में विमल प्रसाद, विजय सिंह राणा, कमलेंद्र डंगवाल, दिनेश, रोहित थपलियाल, सूरज, शैलेंद्र, हरीशचरण सिंह नेगी, जसवंत सिंह, सुरेश, देवेंद्र चंदोला, नंदकिशोर डोभाल आदि शामिल थे। मजदूर विरोधी है केंद्र सरकार रुद्रप्रयाग। सीटू के महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, उपनल कर्मियों, भोजन माता, ग्राम प्रहरियों ने संगम बाजार से मुख्य बाजार तक जुलूस निकाला। इस दौरान न्यूनतम मानदेय 21 हजार रुपये देने व नियमित कर्मचारी की भांति सभी सुविधाएं देने की बात कही। आंगनबाड़ी संगठन की जिलाध्यक्ष सुनीता भट्ट की अध्यक्षता में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार निरंतर मजदूर विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही है। सभा को नरेंद्र रावत, भरत सिंह भंडारी, सुमन पंवार, बीना देवी, रोशन लाल, विनीता देवी, सरोजनी देवी, भवानी देवी, पिंकी देवी, मीना देवी, सुंदरी देवी, माधुरी पुरोहित, भुवनेश्वरी देवी, रजनी बिष्ट आदि मौजूद थे। मजदूर संगठनों ने किया प्रदर्शन उत्तरकाशी। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन (एटक) के बैनरतले विभिन्न मजदूर संगठनों ने किसान एवं मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। एटक के प्रांतीय सचिव कामरेड महावीर प्रसाद भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में काम करते हुए किसान एवं मजदूर विरोधी नीतियां बना रही है। आजादी के बाद मजदूर एवं किसानों के हित में बने कानूनों को समाप्त किया जा रहा है। इसी के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। इस मौके पर किशोरी लाल, प्रताप सिंह भंडारी, राजेश जोशी, सुनील मखलोगा, सुरेंद्र महर, जितेंद्र चौहान, रणवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन समन्वय समिति ने 12 सूत्री मांग को लेकर कलक्ट्रेट में धरना देकर डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उन्होंने केंद्र सरकार पर निजीकरण को बढ़ावा देने और श्रमिक विरोधी कानून बनाने का आरोप लगाया। दूसरी ओर ट्रेड यूनियन के आह्वान पर बृहस्पतिवार को पोस्ट ऑफिस और एलआईसी कर्मी भी हड़ताल पर रहे।
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बृहस्पतिवार को विभिन्न ट्रेड यूनियनों की समन्वय समिति ने कलक्ट्रेट में धरना देकर केंद्र सरकार पर बरसे। कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार श्रमिक, गरीब और किसान विरोधी फैसले लेकर कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने श्रमिक कानून में किए गए बदलाव को लेने, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर लगाई गई रोक हटाने, हवाई अड्डे, रेलवे, बीएसएनएल, रक्षा कारखानों, कॉल इंडिया का निजीकरण न करने, कोविड-19, नोटबंदी के कारण बेरोजगार हुए लोगों को फिर ने रोजगार देने, मनरेगा में प्रत्येक जॉब कार्डधारक को वर्ष में दो सौ दिन का काम देने समेत 12 सूत्री मांगों का निराकरण करने की मांग की। धरना देने वालों में सीटू के जिला सचिव चिंतामणी थपलियाल, जयप्रकाश पांडेय, भगवान सिंह राणा, नित्यानंद बहुगुणा, गीता नेगी, बसंती नेगी, ओंकार नेगी, केशर सिंह राणा, राजेंद्र सकलानी, आशीष द्विवेदी, राजेश आदि शामिल थे। इधर, भारतीय डाक कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी एनपीए बंद करने, पुरानी पेंशन लागू करने, डाकघरों में पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे। धरना देने वालों में ग्रुप सी संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह नेगी, सचिव नीरज नौडियाल, चैन सिंह चौहान, अखवर सिंह पुंडीर, राजपाल सिंह नेगी बैठे रहे।
गोपेश्वर। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) से जुड़े लोगों ने केंद्र व राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। इस मौके पर मदन मिश्रा, देवेंद्र सिंह बिष्ट, मनोज फरस्वाण, हीरा सिंह पंवार, नीरज, अब्बल सिंह, भूपाल सिंह रावत, विनोद कुमार, विद्या दत्त, सुमित्रा, रुक्मणी देवी, पुष्पा किमोठी, ज्योति बिष्ट आदि मौजूद थे।
पौड़ी। केंद्रीय श्रम सुधार प्रस्तावों के खिलाफ डाक कर्मचारियों, उत्तराखंड किसान सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डाक सहायक के मंडलीय अध्यक्ष पदम भूषण सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है। आंदोलनकारियों में विमल प्रसाद, विजय सिंह राणा, कमलेंद्र डंगवाल, दिनेश, रोहित थपलियाल, सूरज, शैलेंद्र, हरीशचरण सिंह नेगी, जसवंत सिंह, सुरेश, देवेंद्र चंदोला, नंदकिशोर डोभाल आदि शामिल थे।
मजदूर विरोधी है केंद्र सरकार
रुद्रप्रयाग। सीटू के महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, उपनल कर्मियों, भोजन माता, ग्राम प्रहरियों ने संगम बाजार से मुख्य बाजार तक जुलूस निकाला। इस दौरान न्यूनतम मानदेय 21 हजार रुपये देने व नियमित कर्मचारी की भांति सभी सुविधाएं देने की बात कही। आंगनबाड़ी संगठन की जिलाध्यक्ष सुनीता भट्ट की अध्यक्षता में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार निरंतर मजदूर विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही है। सभा को नरेंद्र रावत, भरत सिंह भंडारी, सुमन पंवार, बीना देवी, रोशन लाल, विनीता देवी, सरोजनी देवी, भवानी देवी, पिंकी देवी, मीना देवी, सुंदरी देवी, माधुरी पुरोहित, भुवनेश्वरी देवी, रजनी बिष्ट आदि मौजूद थे।
मजदूर संगठनों ने किया प्रदर्शन
उत्तरकाशी। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन (एटक) के बैनरतले विभिन्न मजदूर संगठनों ने किसान एवं मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। एटक के प्रांतीय सचिव कामरेड महावीर प्रसाद भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में काम करते हुए किसान एवं मजदूर विरोधी नीतियां बना रही है। आजादी के बाद मजदूर एवं किसानों के हित में बने कानूनों को समाप्त किया जा रहा है। इसी के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। इस मौके पर किशोरी लाल, प्रताप सिंह भंडारी, राजेश जोशी, सुनील मखलोगा, सुरेंद्र महर, जितेंद्र चौहान, रणवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
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