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ऊधमसिंह नगर जिले से बृहस्पतिवार सुबह कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली जा रहे हजारों किसानों को बिलासपुर स्थित रुद्र बिलास चीनी मिल के पास बैरियर लगाकर पुलिस और प्रशासन ने रोक दिया। इस दौरान किसानों की अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। हंगामा बढ़ता देख हाईवे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में आहूत देशव्यापी आंदोलन में विभिन्न राज्यों के किसान पहुंच रहे हैं। बृहस्पतिवार सुबह करीब सात बजे जिले से नानकमत्ता, सितारगंज, किच्छा, गदरपुर, दिनेशपुर, काशीपुर और रुद्रपुर के हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। उत्तराखंड की सीमा पार कर किसान दिल्ली कूच कर रहे थे।
सीमा से करीब चार किमी दूर स्थित रुद्र-बिलास चीनी मिल के पास यूपी पुलिस और प्रशासन ने किसानों को रोक लिया। अधिकारियों ने किसानों से लौटने को कहा, जिस पर किसानों की अधिकारियों के साथ झड़प हो गई। यूपी प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को एनएच-87 पर रोक दिया और हाईवे के तीन तरफ पुलिस फोर्स तैनात कर दी। इसके बाद आक्रोशित किसानों ने हाईवे पर जाम लगाते हुए यूपी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। देर शाम तक किसानों का विरोध जारी रहा।
इधर, तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर विर्क ने कहा कि कोरोना के नाम पर किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा जब तक किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा, वह एनएच-87 से नहीं हटेंगे। वहां पर जसबीर सिंह, संतोख सिंह, जितेंद्र संधू, अमनदीप सिंह, सलविंदर सिंह, बलजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह, जगरूप सिंह गिल, गुरजीत सिंह, हरपाल सिंह, कुंवरपाल सिंह दहिया, विजय मौर्या, रामप्रकाश, मोमिन खान, संजय चौधरी आदि थे।
इधर, सितारगंज में दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने सिसईखेड़ा में रोक दिया। इससे गुस्साए किसानों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रशासन पर किसानों की आवाज दबाने का आरोप लगाया जबकि नानकमत्ता थानाध्यक्ष ने कोरोना संक्रमण की वजह से किसानों को दिल्ली न जाने देने की बात कही। इधर, पूर्व विधायक नारायण पाल के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय किसान कांग्रेस (ई) के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजकर किसान आंदोलन का समर्थन किया।
वहां पर अखिल भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष जागीर सिंह, मंडल अध्यक्ष दारा सिंह, मनसुख राणा, देवेश कुमार, सुरजीत सिंह, केबल सिंह, अभिषेक राणा आदि थे। वहीं, किच्छा के ग्राम दोपहरिया, नजीमाबाद, बखपुर, पनचक्की फार्म समेत तमाम क्षेत्रों से 150 किसानों का जत्था दरऊ रोड पर एकत्र हुआ बाद में सभी किसान नारेबाजी करते हुए दिल्ली की ओर रवाना हो गए। वहां पर जितेंद्र सिंह संधू, नवजोत सिंह, भूपेंद्र सिंह, सुखविंदर सिंह, करमजीत सिंह, राजेंद्र सिंह खैरा, कुलदीप सिंह, रजविन्दर सिंह, अर्जुन सिंह, अंग्रेज सिंह आदि थे।
किसानों ने एचएच-87 किनारे लगाया लंगर
रुद्रपुर। यूपी पुलिस और प्रशासन की ओर से ऊधमसिंह नगर के किसानों को दिल्ली जाने रोक दिया, लेकिन किसान नहीं लौटे। किसानों ने हाईवे के किनारे ही लंगर की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर वह नहीं लौटेंगे।
धान खरीद बंद होने से किसान परेशान
खटीमा। सरपुड़ा धान क्रय केंद्र पर खरीद बंद होने से गुस्साए किसानों ने डीएम को ज्ञापन भेजकर लिमिट बढ़ाने की मांग की। ज्ञापन में वीरेंद्र राय, मोहन सिंह, टारजन, देव कुमार, ठाकुर जितेंद्र सिंह, सरवेश कुमार, दीपक, गोविंद, बाबू लाल आदि के हस्ताक्षर थे। संवाद
सितारगंज सिसईखेड़ा गांव में सड़क पर धरना देते अखिल भारतीय किसान यूनियन के लोग।- फोटो : SITARGANJ
ऊधमसिंह नगर जिले से बृहस्पतिवार सुबह कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली जा रहे हजारों किसानों को बिलासपुर स्थित रुद्र बिलास चीनी मिल के पास बैरियर लगाकर पुलिस और प्रशासन ने रोक दिया। इस दौरान किसानों की अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। हंगामा बढ़ता देख हाईवे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में आहूत देशव्यापी आंदोलन में विभिन्न राज्यों के किसान पहुंच रहे हैं। बृहस्पतिवार सुबह करीब सात बजे जिले से नानकमत्ता, सितारगंज, किच्छा, गदरपुर, दिनेशपुर, काशीपुर और रुद्रपुर के हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। उत्तराखंड की सीमा पार कर किसान दिल्ली कूच कर रहे थे।
सीमा से करीब चार किमी दूर स्थित रुद्र-बिलास चीनी मिल के पास यूपी पुलिस और प्रशासन ने किसानों को रोक लिया। अधिकारियों ने किसानों से लौटने को कहा, जिस पर किसानों की अधिकारियों के साथ झड़प हो गई। यूपी प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को एनएच-87 पर रोक दिया और हाईवे के तीन तरफ पुलिस फोर्स तैनात कर दी। इसके बाद आक्रोशित किसानों ने हाईवे पर जाम लगाते हुए यूपी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। देर शाम तक किसानों का विरोध जारी रहा।
इधर, तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर विर्क ने कहा कि कोरोना के नाम पर किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा जब तक किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा, वह एनएच-87 से नहीं हटेंगे। वहां पर जसबीर सिंह, संतोख सिंह, जितेंद्र संधू, अमनदीप सिंह, सलविंदर सिंह, बलजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह, जगरूप सिंह गिल, गुरजीत सिंह, हरपाल सिंह, कुंवरपाल सिंह दहिया, विजय मौर्या, रामप्रकाश, मोमिन खान, संजय चौधरी आदि थे।
इधर, सितारगंज में दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने सिसईखेड़ा में रोक दिया। इससे गुस्साए किसानों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रशासन पर किसानों की आवाज दबाने का आरोप लगाया जबकि नानकमत्ता थानाध्यक्ष ने कोरोना संक्रमण की वजह से किसानों को दिल्ली न जाने देने की बात कही। इधर, पूर्व विधायक नारायण पाल के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय किसान कांग्रेस (ई) के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजकर किसान आंदोलन का समर्थन किया।
वहां पर अखिल भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष त्रिलोचन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष जागीर सिंह, मंडल अध्यक्ष दारा सिंह, मनसुख राणा, देवेश कुमार, सुरजीत सिंह, केबल सिंह, अभिषेक राणा आदि थे। वहीं, किच्छा के ग्राम दोपहरिया, नजीमाबाद, बखपुर, पनचक्की फार्म समेत तमाम क्षेत्रों से 150 किसानों का जत्था दरऊ रोड पर एकत्र हुआ बाद में सभी किसान नारेबाजी करते हुए दिल्ली की ओर रवाना हो गए। वहां पर जितेंद्र सिंह संधू, नवजोत सिंह, भूपेंद्र सिंह, सुखविंदर सिंह, करमजीत सिंह, राजेंद्र सिंह खैरा, कुलदीप सिंह, रजविन्दर सिंह, अर्जुन सिंह, अंग्रेज सिंह आदि थे।
किसानों ने एचएच-87 किनारे लगाया लंगर
रुद्रपुर। यूपी पुलिस और प्रशासन की ओर से ऊधमसिंह नगर के किसानों को दिल्ली जाने रोक दिया, लेकिन किसान नहीं लौटे। किसानों ने हाईवे के किनारे ही लंगर की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर वह नहीं लौटेंगे।
धान खरीद बंद होने से किसान परेशान
खटीमा। सरपुड़ा धान क्रय केंद्र पर खरीद बंद होने से गुस्साए किसानों ने डीएम को ज्ञापन भेजकर लिमिट बढ़ाने की मांग की। ज्ञापन में वीरेंद्र राय, मोहन सिंह, टारजन, देव कुमार, ठाकुर जितेंद्र सिंह, सरवेश कुमार, दीपक, गोविंद, बाबू लाल आदि के हस्ताक्षर थे। संवाद
सितारगंज सिसईखेड़ा गांव में सड़क पर धरना देते अखिल भारतीय किसान यूनियन के लोग।- फोटो : SITARGANJ