न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Fri, 09 Oct 2020 05:22 PM IST
उच्च Himalaya क्षेत्रों में 15 सितंबर तक खिलने वाला Brahma Kamal इस बार October में भी अपनी खुशबू बिखेर रहा है। 4750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित घी विनायक, नंदीकुंड पांडवसेरा में अभी भी हजारों की संख्या में ब्रह्मकमल खिले हैं।
कोरोना संक्रमण के लिए बनी गाइडलाइन ने भी ब्रह्मकमल के लिए संजीवनी का काम किया है, जो इस दुर्लभ प्रजाति के लिए शुभ संकेत है। इस बार बुग्यालों में मानवीय आवाजाही न होने से ब्रह्मकमल का दोहन नहीं हो पाया।
ट्रेकिंग पर गए पर्यटक ब्रह्मकमल को परिपक्व होने से पहले ही तोड़ देते थे, जिससे उसका बीज नहीं फैल पाता था। इस बार फूल पूरी तरह से पक चुके हैं, और इसका बीज गिरने पर अगले वर्ष ब्रह्मकमल की पैदावार बढ़ने की उम्मीद है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उपवन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि ब्रह्मकमल की पैदावार 15 सितंबर तक ही रहती है, लेकिन इस बार अभी तक हिमालय क्षेत्रों में ब्रह्मकमल खिला हुआ है। नंदीकुंड के इर्द-गिर्द अभी भी हजारों की संख्या में ब्रह्मकमल खिला हुआ है।
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