वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Updated Wed, 10 Jun 2020 07:58 PM IST
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कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस जानलेवा वायरस की वजह से अब अर्थव्यवस्थाओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ने लगा है। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने इस संबंध में बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस वायरस ने एक सदी में सबसे खराब वैश्विक मंदी को जन्म दिया है और अभी यह दर्द खत्म नहीं हुआ है।
आर्थिक सहयोग और विकास के एक संगठन ने वैश्विक आर्थिक आंकड़ों के अपने विश्लेषण में कहा, 'लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी है, और इस आपदा ने गरीबों और युवाओं को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से लोगों में असमानता लगी है।
एजेंसी ने एक अनुमान लगाते हुए बताया कि सबसे अच्छी स्थिति में, अगर संक्रमण की दूसरी लहर नहीं होती है तो भी इस साल 6% के आर्थिक उत्पादन में वैश्विक गिरावट और अगले साल 2.8% की वृद्धि हो सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वायरस ने दुनियाभर में 70 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और कम से कम 411,000 लोगों की जान ले चुका है।
कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस जानलेवा वायरस की वजह से अब अर्थव्यवस्थाओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ने लगा है। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने इस संबंध में बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस वायरस ने एक सदी में सबसे खराब वैश्विक मंदी को जन्म दिया है और अभी यह दर्द खत्म नहीं हुआ है।
आर्थिक सहयोग और विकास के एक संगठन ने वैश्विक आर्थिक आंकड़ों के अपने विश्लेषण में कहा, 'लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी है, और इस आपदा ने गरीबों और युवाओं को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से लोगों में असमानता लगी है।
एजेंसी ने एक अनुमान लगाते हुए बताया कि सबसे अच्छी स्थिति में, अगर संक्रमण की दूसरी लहर नहीं होती है तो भी इस साल 6% के आर्थिक उत्पादन में वैश्विक गिरावट और अगले साल 2.8% की वृद्धि हो सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा अधिकृत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वायरस ने दुनियाभर में 70 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और कम से कम 411,000 लोगों की जान ले चुका है।