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दक्षिण कोरिया के महामारी रोग वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि लोगों को दूसरों से नहीं, बल्कि घर के सदस्यों से ही संक्रमण हुआ है। कोरिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा 5,706 लोगों पर अध्ययन से यह खुलासा हुआ।
सेंटर के निदेशक और शोधकर्ता डॉ. जियोंग इयुन केयोंग का कहना है कि केवल दो फीसदी मरीज को बाहरी व्यक्ति से संक्रमण मिला। 12 फीसदी को परिवार से संक्रमण मिला। सबसे पहले या तो घर का युवा इसकी चपेट में आया या 60 से 70 वर्ष का बुजुर्ग। क्योंकि इस उम्र के लोगों का जुड़ाव अधिक होता है। ऐसे में इन लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
नौ साल या इससे कम उम्र वालों पर खतरा कम
हैलिम यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के डॉ. चोय यंग जून का कहना है कि नौ साल या इससे कम उम्र के बच्चों को इस तरह का खतरा कम है। हां खतरा ये है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते हैं जिस कारण दूसरों को इनसे खतरा है।
सार
- घर के युवा और बुजुर्गों में कोरोना संक्रमण की दर अधिक
- 5,706 संक्रमितों पर अध्ययन जो 59 हजार लोगों के संपर्क में आए
- नौ साल या इससे कम उम्र वालों पर खतरा कम
विस्तार
दक्षिण कोरिया के महामारी रोग वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि लोगों को दूसरों से नहीं, बल्कि घर के सदस्यों से ही संक्रमण हुआ है। कोरिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा 5,706 लोगों पर अध्ययन से यह खुलासा हुआ।
सेंटर के निदेशक और शोधकर्ता डॉ. जियोंग इयुन केयोंग का कहना है कि केवल दो फीसदी मरीज को बाहरी व्यक्ति से संक्रमण मिला। 12 फीसदी को परिवार से संक्रमण मिला। सबसे पहले या तो घर का युवा इसकी चपेट में आया या 60 से 70 वर्ष का बुजुर्ग। क्योंकि इस उम्र के लोगों का जुड़ाव अधिक होता है। ऐसे में इन लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
नौ साल या इससे कम उम्र वालों पर खतरा कम
हैलिम यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के डॉ. चोय यंग जून का कहना है कि नौ साल या इससे कम उम्र के बच्चों को इस तरह का खतरा कम है। हां खतरा ये है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते हैं जिस कारण दूसरों को इनसे खतरा है।