डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, काठमांडू।
Updated Wed, 08 Apr 2020 07:45 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
भारत ने नेपाल सीमा से सामानों के आयात निर्यात के नियमों में ढील दी है। दोनों देशों में लॉकडाउन की वजह से व्यापारियों को जरूरी सामानों के आयात की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। अब भारत ने नेपाल से भारत के रास्ते निर्यात और आयात होने वाले जरूरी सामानों के लिए दस्तावेजी अड़चनें खत्म कर दी हैं। अब नेपाली व्यापारियों को आयात करने के लिए अपना मूल दस्तावेज जमा कराने से छूट दे दी गई है।
नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के मुताबिक भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने तमाम एजेंसियों के लिए यह सर्कुलर जारी किया है जिसमें नेपाल के आयातकों से मूल दस्तावेज जमा कराने की अनिवार्यता खत्म करने को कहा गया है।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवराज ढकाल ने भारत की ओर से नियमों में ढील देने और लचीला रुख अपनाने की जानकारी दी और कहा कि ऐसे संकट के समय व्यावहारिक परेशानियों को समझते हुए नेपाल के आयातकों को भारतीय बंदरगाहों के रास्ते सामानों को ले जाने के लिए भारत सरकार ने यह नरमी दिखाई है।
ढकाल ने बताया कि व्यापारी लंबे समय से ये समस्या बता रहे थे जिसे ध्यान में रखते हुए नेपाल ने भारत सरकार से नियमों में ढील देने का आग्रह किया था, जिसे भारत ने मंजूर करते हुए अब पहले दस्तावेज जमा कराने के नियमों में नरमी दिखाई है।
व्यापारियों की शिकायतों के बावजूद मंत्रालय ने दावा किया है कि लॉकडाउन के पिछले दो हफ्तों के दौरान और सामान्य दिनों में भी वैसे तो व्यापारियों को माल लाने ले जाने में सीमा पर कोई खास मुश्किल नहीं आती रही है, लेकिन नेपाल के भीतर उन्हें लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ही आवाजाही करनी होगी।
हालांकि व्यापारियों का कहना है कि बीरगंज सीमा पर तमाम आयातित सामानों के कंटेनर डिपो में पड़े हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो उन्हें ले जाने में नाकाम रहे हैं और अब वहां कंटेनर रखने की जगह भी नहीं है।
दूसरी तरफ मंत्रालय का दावा है कि एक भी कंटेनर न तो किसी बंदरगाह पर और न ही किसी सीमा पर पड़ा है। ढकाल का कहना है कि केवल उद्योगों का कच्चा माल बंदरगाहों पर पड़ा है जिससे बंदरगाहों में अब सामान रखने की जगह नहीं बची है। सीमा पर या बंदरगाहों पर दवा बनाने का कच्चा माल जरूर है, कोरोना वायरस को देखते हुए जिसके निर्यात-आयात पर भारत सरकार ने रोक लगा रखी है।
लॉकडाउन के दौरान पिछले दो हफ्तों में 200 कंसाइनमेंट बीरगंज के रास्ते नेपाल पहुंच गए हैं। इसके अलावा ताजी सब्जियों और फलों से लदे 20 ट्रक, पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने वाले 70 टैंकर और रसोई गैस समेत कई जरूरी सामानों के ट्रक भी नेपाल में आने को तैयार हैं।
भारत ने नेपाल सीमा से सामानों के आयात निर्यात के नियमों में ढील दी है। दोनों देशों में लॉकडाउन की वजह से व्यापारियों को जरूरी सामानों के आयात की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। अब भारत ने नेपाल से भारत के रास्ते निर्यात और आयात होने वाले जरूरी सामानों के लिए दस्तावेजी अड़चनें खत्म कर दी हैं। अब नेपाली व्यापारियों को आयात करने के लिए अपना मूल दस्तावेज जमा कराने से छूट दे दी गई है।
नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के मुताबिक भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने तमाम एजेंसियों के लिए यह सर्कुलर जारी किया है जिसमें नेपाल के आयातकों से मूल दस्तावेज जमा कराने की अनिवार्यता खत्म करने को कहा गया है।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवराज ढकाल ने भारत की ओर से नियमों में ढील देने और लचीला रुख अपनाने की जानकारी दी और कहा कि ऐसे संकट के समय व्यावहारिक परेशानियों को समझते हुए नेपाल के आयातकों को भारतीय बंदरगाहों के रास्ते सामानों को ले जाने के लिए भारत सरकार ने यह नरमी दिखाई है।
ढकाल ने बताया कि व्यापारी लंबे समय से ये समस्या बता रहे थे जिसे ध्यान में रखते हुए नेपाल ने भारत सरकार से नियमों में ढील देने का आग्रह किया था, जिसे भारत ने मंजूर करते हुए अब पहले दस्तावेज जमा कराने के नियमों में नरमी दिखाई है।
व्यापारियों की शिकायतों के बावजूद मंत्रालय ने दावा किया है कि लॉकडाउन के पिछले दो हफ्तों के दौरान और सामान्य दिनों में भी वैसे तो व्यापारियों को माल लाने ले जाने में सीमा पर कोई खास मुश्किल नहीं आती रही है, लेकिन नेपाल के भीतर उन्हें लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ही आवाजाही करनी होगी।
हालांकि व्यापारियों का कहना है कि बीरगंज सीमा पर तमाम आयातित सामानों के कंटेनर डिपो में पड़े हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो उन्हें ले जाने में नाकाम रहे हैं और अब वहां कंटेनर रखने की जगह भी नहीं है।
दूसरी तरफ मंत्रालय का दावा है कि एक भी कंटेनर न तो किसी बंदरगाह पर और न ही किसी सीमा पर पड़ा है। ढकाल का कहना है कि केवल उद्योगों का कच्चा माल बंदरगाहों पर पड़ा है जिससे बंदरगाहों में अब सामान रखने की जगह नहीं बची है। सीमा पर या बंदरगाहों पर दवा बनाने का कच्चा माल जरूर है, कोरोना वायरस को देखते हुए जिसके निर्यात-आयात पर भारत सरकार ने रोक लगा रखी है।
लॉकडाउन के दौरान पिछले दो हफ्तों में 200 कंसाइनमेंट बीरगंज के रास्ते नेपाल पहुंच गए हैं। इसके अलावा ताजी सब्जियों और फलों से लदे 20 ट्रक, पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने वाले 70 टैंकर और रसोई गैस समेत कई जरूरी सामानों के ट्रक भी नेपाल में आने को तैयार हैं।