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बेहतर जिंदगी की चाह और दूसरे देश में काम का सपना देखने के बाद लोग विदेश में नौकरी करने चले जाते हैं। ऐसे एनआरआई या प्रवासी भारतीय कई बार गलत नौकरी, गलत व्यक्ति और एजेंट के चक्कर में फंस जाते हैं। बड़ी समस्या तब आती है जब यह समझ नहीं आता कि आखिर अपनी समस्या किसे सुनाएं। मगर चिंता मत कीजिए। आपकी मदद के लिए भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है।
इसके लिए पीड़ित और उसके परिवार के सदस्य विदेश मंत्रालय के मदद पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। [email protected] इस पोर्टल पर आप विदेश में हो रही किसी भी परेशानी के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पर मोबाइल नंबर, इमेल आईडी जैसी जानकारियों के साथ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद अपने आप संबंधित अधिकारी या मंत्रालय के पास चली जाती है। शिकायत पर कोई भी कार्रवाई होने पर व्यक्ति के पास एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाती है। सरकार द्वारा सलाह दी गई है किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जल्द से जल्द ईमेल भेजने से कार्रवाई भी जल्द की जा सकती है।
1. पासपोर्ट सेवा आनलाइन की वेबसाइट पर मौजूद मदद लिंक का पोर्टल खोलें
2. पहली बार उपयोग के लिए अपना नाम, फोन नंबर, ईमेल और पासवर्ड डालकर लॉगइन आईडी बना लें।
3 ईमेल पर भेजे गए लिंक के माध्यम से अपने अकाउंट को वैरिफाई करें।
4. इसके बाद अपने लॉग इन आईडी और पासवर्ड से अकाउंट खोलें।
5. यहां दिख रहे फॉर्म से आप चाहें तो अपनी या अपने किसी परिजन की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
6. शिकायत दर्ज करने के बाद आप उस पर हुई कार्रवाई के स्टेटस को आनलाइन देख सकते हैं।
प्रवासी भारतीय की शिकायत यदि एजेंट के खिलाफ होती है, तो सबसे पहले एजेंट से समाधान और समस्या के निपटारे के लिए कहा जाता है। यदि एजेंट कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता है या जवाब संतोषजनक नहीं होता तो उसका पंजीकरण प्रमाणपत्र 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाता है। यदि फिर भी व्यक्ति की शिकायत पर एजेंट कोई कार्रवाई नहीं करता तो उसका पंजीकरण अनिश्चितकाल के लिए निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है।
यदि विदेश में वेतन, शोषण या नौकरी से जुड़ी अन्य समस्याओं के बारे में शिकायत दर्ज करते हैं तो सरकार स्थानीय अधिकारियों से मदद लेकर मामले को सुलझाने का प्रयास करते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारी को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। इसके बाद ब्लैक लिस्टेड कंपनी भविष्य में किसी भी प्रकार से भारतीय कर्मचारी को भर्ती नहीं कर सकेंगे।
अवैध रूप से किसी भी भारतीय को विदेश भेजने और वहां हो रही किसी भी परेशानी से निपटने के लिए विदेश मंत्रालय अपने स्तर पर प्रयास करता है। सरकार ऐसी किसी भी गतिविधि को जानने के भारतीय संविधान के अनुसार मामले की जांच करती है। यदि संबंधित एजेंट लिस्टेज नहीं होता तो स्थानीय पुलिस या प्रवासी रक्षकों को इसकी जिम्मेदारी सौंंप दी जाती है। यह जांच धारा 10 अधिनियम 1983 के तहत की जाती है।