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नेपाल में प्रधानमंत्री पद के दावेदार को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने के पीछे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का गंभीर रूप से बीमार होना है। ओली पिछले काफी समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और बुधवार को उनका किडनी ट्रांसप्लांट होना है। उन्हें महाराजगंज के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि ओली का ऑपरेशन छह सदस्यीय डॉक्टरों की टीम कर रही है, जिनमें भारत के मशहूर यूरो और किडनी ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ अनंत कुमार समेत दो डॉक्टर शामिल हैं।
थापा के मुताबिक डॉक्टरों की टीम किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन प्रेमराज ग्यावली के नेतृत्व में यह ऑपरेशन कर रही है और इसमें तकरीबन चार से पांच घंटे का वक्त लग सकता है। ओली के लिए उनकी भतीजी समीक्षा संगरौला कोइराला अपनी एक किडनी दान कर रही हैं। ओली के किडनी ट्रांस्प्लांट का ऑपरेशन दूसरी बार हो रहा है।
12 साल पहले भी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भी उनका ऑपरेशन हो चुका है। अगर स्थितियां सामान्य रहीं तो ओली को एक हफ्ते के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
जाहिर है प्रधानमंत्री ओली की बीमारी और सेहत का हाल देखते हुए ही नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने जल्दी से जल्दी प्रस्ताव पारित कर बामदेव गौतम को नेशनल एसेंबली का सदस्य मनोनीत किया है और संविधान में संशोधन कर नेशनल एसेंबली के सदस्य को भी प्रधानमंत्री बनाए जाने का रास्ता साफ करने में लगी है।
हालांकि ओली निजी तोर पर इसके खिलाफ हैं और नहीं चाहते कि गौतम को मौजूदा वित्त मंत्री युवराज खाटीवाड़ा की जगह सरकार में शामिल किया जाए।
वित्त मंत्री युवराज खाटीवाड़ा का इस्तीफा, कार्यकाल बढ़ने की संभावना
उधर युवराज खाटीवाड़ा ने तीन मार्च को नेशनल एसेंबली का अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद अपना इस्तीफा भेज दिया है और फिलहाल वित्त मंत्रालय खुद प्रधानमंत्री ओली ने अपने पास रखा है।
ओली के करीबी नेता बताते हैं कि इस बात की संभावना बन रही है कि प्रधानमंत्री ओली युवराज को फिलहाल कार्यवाहक वित्त मंत्री के तौर पर काम करने का मौका फिर से दे सकते हैं।
सदस्यता समाप्त होने के बाद भी अगले छह महीनों तक कोई मंत्री कार्यवाहक रह सकता है और इस दौरान उसे फिर से किसी न किसी सदन का सदस्य होने का मौका मिल सकता है। अगर युवराज दोबारा सदस्यता हासिल कर लेते हैं, तो उनके वित्त मंत्री बने रहने में कोई मुश्किल नहीं होगी।
बामदेव गौतम को लेकर पार्टी और ओली के बीच मतभेद
कम्युनिस्ट पार्टी का एक बड़ा खेमा पार्टी के उपाध्यक्ष और तीन बार उपप्रधानमंत्री रह चुके बामदेव गौतम को सरकार में लाना चाहता है और इसके लिए पिछले हफ्ते प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने गौतम के नाम पर मुहर लगा भी दी थी।
गौतम फिलहाल पुष्प कमल दहाल प्रचंड खेमे में हैं और खुलकर प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जता भी चुके हैं। 2017 का चुनाव हारने के बाद वो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इससे पहले तक उन्हें ही प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा रहा था। दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों को एक करने में भी बामदेव गौतम की बड़ी भूमिका मानी जाती है।
सार
- ओली की सेहत को देखते हुए बामदेव गौतम गुट हुआ सक्रिय
- गौतम को सरकार में लाने को लेकर पार्टी और ओली के मतभेद उभरे
- वित्त मंत्री खाटीवाड़ा का इस्तीफा, कार्यकाल बढ़ाने पर विचार
विस्तार
नेपाल में प्रधानमंत्री पद के दावेदार को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने के पीछे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का गंभीर रूप से बीमार होना है। ओली पिछले काफी समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और बुधवार को उनका किडनी ट्रांसप्लांट होना है। उन्हें महाराजगंज के त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि ओली का ऑपरेशन छह सदस्यीय डॉक्टरों की टीम कर रही है, जिनमें भारत के मशहूर यूरो और किडनी ट्रांसप्लांट के विशेषज्ञ डॉ अनंत कुमार समेत दो डॉक्टर शामिल हैं।
थापा के मुताबिक डॉक्टरों की टीम किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन प्रेमराज ग्यावली के नेतृत्व में यह ऑपरेशन कर रही है और इसमें तकरीबन चार से पांच घंटे का वक्त लग सकता है। ओली के लिए उनकी भतीजी समीक्षा संगरौला कोइराला अपनी एक किडनी दान कर रही हैं। ओली के किडनी ट्रांस्प्लांट का ऑपरेशन दूसरी बार हो रहा है।
12 साल पहले भी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भी उनका ऑपरेशन हो चुका है। अगर स्थितियां सामान्य रहीं तो ओली को एक हफ्ते के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
जाहिर है प्रधानमंत्री ओली की बीमारी और सेहत का हाल देखते हुए ही नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने जल्दी से जल्दी प्रस्ताव पारित कर बामदेव गौतम को नेशनल एसेंबली का सदस्य मनोनीत किया है और संविधान में संशोधन कर नेशनल एसेंबली के सदस्य को भी प्रधानमंत्री बनाए जाने का रास्ता साफ करने में लगी है।
हालांकि ओली निजी तोर पर इसके खिलाफ हैं और नहीं चाहते कि गौतम को मौजूदा वित्त मंत्री युवराज खाटीवाड़ा की जगह सरकार में शामिल किया जाए।
वित्त मंत्री युवराज खाटीवाड़ा का इस्तीफा, कार्यकाल बढ़ने की संभावना
उधर युवराज खाटीवाड़ा ने तीन मार्च को नेशनल एसेंबली का अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद अपना इस्तीफा भेज दिया है और फिलहाल वित्त मंत्रालय खुद प्रधानमंत्री ओली ने अपने पास रखा है।
ओली के करीबी नेता बताते हैं कि इस बात की संभावना बन रही है कि प्रधानमंत्री ओली युवराज को फिलहाल कार्यवाहक वित्त मंत्री के तौर पर काम करने का मौका फिर से दे सकते हैं।
सदस्यता समाप्त होने के बाद भी अगले छह महीनों तक कोई मंत्री कार्यवाहक रह सकता है और इस दौरान उसे फिर से किसी न किसी सदन का सदस्य होने का मौका मिल सकता है। अगर युवराज दोबारा सदस्यता हासिल कर लेते हैं, तो उनके वित्त मंत्री बने रहने में कोई मुश्किल नहीं होगी।
बामदेव गौतम को लेकर पार्टी और ओली के बीच मतभेद
कम्युनिस्ट पार्टी का एक बड़ा खेमा पार्टी के उपाध्यक्ष और तीन बार उपप्रधानमंत्री रह चुके बामदेव गौतम को सरकार में लाना चाहता है और इसके लिए पिछले हफ्ते प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने गौतम के नाम पर मुहर लगा भी दी थी।
गौतम फिलहाल पुष्प कमल दहाल प्रचंड खेमे में हैं और खुलकर प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जता भी चुके हैं। 2017 का चुनाव हारने के बाद वो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इससे पहले तक उन्हें ही प्रधानमंत्री का दावेदार माना जा रहा था। दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों को एक करने में भी बामदेव गौतम की बड़ी भूमिका मानी जाती है।