कोरोना वायरस का कहर खत्म होते ही नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपना पद छोड़ देंगे। लगातार पद छोड़ने के दबाव को देखते हुए ओली ने पार्टी के सामने कोरोना संकट के बहाने थोड़ा वक्त और मांगा है।
सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवालय और केंद्रीय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि उनकी जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता बामदेव गौतम को देश का नया प्रधानमंत्री बना दिया जाए। ओली ने माधव कुमार नेपाल को पार्टी के भीतरी मामलों को हल करने वाली कमेटी का चेयरमैन बनाने की भी सिफारिश की।
ये अटकलें पिछले काफी समय से चल रही थीं कि ओली पर पार्टी के भीतर से पद छोड़ने का काफी दबाव है और प्रचंड गुट चाहता है कि वो प्रधानमंत्री पद पर न रहें। हाल ही में ओली ने बगैर आपसी सहमति बनाए मनमाने तरीके से जो दो अध्यादेश पास करवाए और जबरदस्त दबाव के बाद चार दिनों में इसे वापस लेना पड़ा, उससे पार्टी में उनकी खासी फजीहत हुई थी।
पिछले महीने जब ओली अपनी बीमारी और ऑपरेशन की वजह से काफी दिनों तक अस्पताल में रहे थे, तब यह चर्चा और तेज हो गई थी कि अब उनकी सेहत उन्हें ठीक तरीके से काम नहीं करने दे रही, इसलिए उन्हें शायद पद छोड़ना पड़े।
बैठक में पार्टी के तमाम नेता ये चाहते थे कि ओली तत्काल प्रधानमंत्री पद छोड़ दें, लेकिन ओली ने ऐसा करने से मना कर दिया। उनका तर्क था कि जब देश में कोरोना जैसा गंभीर संकट सामने हो, ऐसे में उनका इस वक्त पद छोड़ना सही नहीं होगा, लेकिन इस संकट के खत्म होते ही वो इस्तीफा दे देंगे।
पार्टी सचिवालय के एक सदस्य के मुताबिक, ओली ने बामदेव गौतम को अपनी जगह प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की। गौरतलब है कि पिछले दिनों पार्टी संविधान में बदलाव कर ऐसे सदस्य को प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य बना दिया गया था, जो संसद में नहीं भी हो या चुनाव हार गया हो।
बामदेव गौतम भी 2017 की चुनाव हार गए थे। चुनाव हारने से पहले उन्हें ही प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। गौतम की भूमिका दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों के एकीकरण में सबसे अहम मानी जाती रही है। ऐसे में गौतम प्रधानमंत्री बन सकते हैं और किसी न किसी रास्ते उन्हें संसद में लाया जा सकता है।
दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के चेयरमैन पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने ओली की जगह माधव कुमार नेपाल को प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश की। प्रचंड और माधव नेपाल चाहते थे कि ओली तुरंत पद छोड़ दें।
फिलहाल एनसीपी के दो अध्यक्ष हैं – ओली और प्रचंड। लेकिन ओली ने माधव कुमार नेपाल को भी तीसरा अध्यक्ष बनाने की पेशकश की। माना जा रहा है कि ओली इससे प्रचंड और नेपाल की जोड़ी को तोड़ना चाहते हैं।
दरअसल पार्टी के भीतर अपनी हालत कमजोर होती देख ओली ने कोरोना संकट के बहाने थोड़ा वक्त और लेने की कोशिश की है। पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की अगली बैठक अब दो मई को होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में ओली पर एक बार फिर जल्दी से जल्दी पद छोड़ने का दबाव बढ़ेगा।