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एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना संकट और लॉकडाउन से गंभीर आर्थिक संकट की आशंका जताई जा रही है, तमाम देश अपनी अपनी अर्थव्यवस्था का रोना रो रहे हैं, ऐसे में नेपाल को भरोसा है कि उसकी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होने वाला है। नेपाल ने अपनी अर्थव्यवस्था में सात फीसदी बढ़ोतरी का महात्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री युबराज खाटीवाड़ा ने नेपाली संसद में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए दोनों सदनों के सामने ये भरोसा जताया।
काठीवाड़ा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लंबे समय से ठप पड़े कामकाज और चरमराती आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए यह लक्ष्य जरूरी है और पूरी उम्मीद की जानी चाहिए की लॉकडाउन खुलते ही देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो हालात हैं उन्हें देखते हुए ये लग रहा है कि अभी ये स्थिति लंबे समय तक चलने वाली है, ऐसे में हमें अपनी योजनाएं बेहद महात्वाकांक्षी तरीके से बनानी होंगी और इस भरोसे के साथ आगे बढ़ना होगा कि हमें सात फीसदी की दर हासिल करनी ही है।
उधर देश के पूर्व वित्त मंत्री रामशरण महत ने कहा है कि सरकार का यह लक्ष्य बहुत व्यावहारिक नहीं है और कोरोना वायरस का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ने वाला है, ऐसे में ये बजट महज वादों और सपनों से भरा लगता है।
दरअसल, नेपाल की सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने पिछले महीने ये दावा किया था कि इस जुलाई में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में नेपाल की अर्थव्यवस्था 2,27 फीसदी बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए खाटीवाड़ा ने अपने बजट में सात फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है। हालांकि जब स्थितियां सामान्य थीं तो सरकार ने पिछले सरकार ये दावा किया था कि नेपाल की अर्थव्यवस्था में इस बार 8.5 फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य है। जाहिर है मौजूदा हालात में इसमें डेढ़ फीसदी की कमी की गई है। इसके बावजूद विपक्ष को ये कोरी कल्पना लग रही है।
महत ने पूरे बजट भाषण को महज सरकार का बड़बोलापन और अपनी झूठी वाहवाही करने वाला बताया है। उनका कहना है कि सरकार का लक्ष्य इस समय देश की स्थिति को सामान्य करके रिकवरी पर ध्यान देने की और होना चाहिए न कि अव्यवहारिक तरीके से लक्ष्य तय करने की।
सार
- नेपाल ने अपनी अर्थव्यवस्था में सात फीसदी बढ़तरी का लक्ष्य रखा, विपक्ष ने बताया अव्यावहारिक
- हालात सामान्य रहने पर 8.5 फीसदी का था लक्ष्य, बजट में लक्ष्य डेढ़ फीसदी घटाया
- विपक्ष ने कहा, पहले जमीनी हालात देखे सरकार, इतनी जल्दी नहीं सुधरेगी अर्थव्यवस्था
विस्तार
एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना संकट और लॉकडाउन से गंभीर आर्थिक संकट की आशंका जताई जा रही है, तमाम देश अपनी अपनी अर्थव्यवस्था का रोना रो रहे हैं, ऐसे में नेपाल को भरोसा है कि उसकी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होने वाला है। नेपाल ने अपनी अर्थव्यवस्था में सात फीसदी बढ़ोतरी का महात्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री युबराज खाटीवाड़ा ने नेपाली संसद में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए दोनों सदनों के सामने ये भरोसा जताया।
काठीवाड़ा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लंबे समय से ठप पड़े कामकाज और चरमराती आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए यह लक्ष्य जरूरी है और पूरी उम्मीद की जानी चाहिए की लॉकडाउन खुलते ही देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो हालात हैं उन्हें देखते हुए ये लग रहा है कि अभी ये स्थिति लंबे समय तक चलने वाली है, ऐसे में हमें अपनी योजनाएं बेहद महात्वाकांक्षी तरीके से बनानी होंगी और इस भरोसे के साथ आगे बढ़ना होगा कि हमें सात फीसदी की दर हासिल करनी ही है।
उधर देश के पूर्व वित्त मंत्री रामशरण महत ने कहा है कि सरकार का यह लक्ष्य बहुत व्यावहारिक नहीं है और कोरोना वायरस का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ने वाला है, ऐसे में ये बजट महज वादों और सपनों से भरा लगता है।
दरअसल, नेपाल की सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने पिछले महीने ये दावा किया था कि इस जुलाई में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में नेपाल की अर्थव्यवस्था 2,27 फीसदी बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए खाटीवाड़ा ने अपने बजट में सात फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है। हालांकि जब स्थितियां सामान्य थीं तो सरकार ने पिछले सरकार ये दावा किया था कि नेपाल की अर्थव्यवस्था में इस बार 8.5 फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य है। जाहिर है मौजूदा हालात में इसमें डेढ़ फीसदी की कमी की गई है। इसके बावजूद विपक्ष को ये कोरी कल्पना लग रही है।
महत ने पूरे बजट भाषण को महज सरकार का बड़बोलापन और अपनी झूठी वाहवाही करने वाला बताया है। उनका कहना है कि सरकार का लक्ष्य इस समय देश की स्थिति को सामान्य करके रिकवरी पर ध्यान देने की और होना चाहिए न कि अव्यवहारिक तरीके से लक्ष्य तय करने की।