वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Sat, 24 Aug 2019 08:46 AM IST
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीजिंग पर हमला बोलते हुए चीन की ओर से नए शुल्क लगाने की योजना पर त्वरित जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया है। ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से चीन छोड़ने को भी कहा है। ट्रंप ने कहा कि हमें चीन की जरूरत नहीं है। अगर ईमानदारी से कहूं तो हम उनके बिना बहुत बेहतर होंगे।
व्यापार युद्ध पहले ही अमेरिका की प्रगति की रफ्तार कम कर चुका है और वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे कमजोर है। इस युद्ध ने शेयर बाजारों की हालात भी खराब की है।
ट्रंप ने कहा "हमारे देश को इतने सालों में चीन में खरबों डॉलरों का नुकसान हुआ है। उन्होंने एक साल में अरबों डॉलर की कीमत पर हमारी बौद्धिक संपदा को चुराया है और वे यह जारी रखना चाहते हैं, लेकिन मैं यह नहीं होने दूंगा।"
उन्होंने कहा कि हमारी महान अमेरिकी कंपनियों को आदेश दिया जाता है कि वे चीन का विकल्प देखना शुरू कर दें और वे वापस देश आने का भी विकल्प रखें तथा अमेरिका में अपने उत्पाद बनाएं।
इससे पहले चीन ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह अमेरिका से आयात किए जाने वाले 75 अरब डॉलर के उत्पादों पर दस फीसदी का जवाबी शुल्क लगाएगा।
अमेरिका और चीन के बीच एक साल से भी ज्यादा समय से चल रहा व्यापार युद्ध सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच अगर व्यापार युद्ध और अधिक जारी रहा तो 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है।
सार
- ट्रंप ने बीजिंग पर हमला बोलते हुए चीन की ओर से नए शुल्क लगाने की योजना पर त्वारित जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया है।
- ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से चीन छोड़ने को भी कहा है।
- ट्रंप ने कहा कि हमें चीन की जरूरत नहीं है। अगर ईमानदारी से कहूं तो हम उनके बिना बहुत बेहतर होंगे।
विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीजिंग पर हमला बोलते हुए चीन की ओर से नए शुल्क लगाने की योजना पर त्वरित जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया है। ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से चीन छोड़ने को भी कहा है। ट्रंप ने कहा कि हमें चीन की जरूरत नहीं है। अगर ईमानदारी से कहूं तो हम उनके बिना बहुत बेहतर होंगे।
व्यापार युद्ध पहले ही अमेरिका की प्रगति की रफ्तार कम कर चुका है और वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे कमजोर है। इस युद्ध ने शेयर बाजारों की हालात भी खराब की है।
ट्रंप ने कहा "हमारे देश को इतने सालों में चीन में खरबों डॉलरों का नुकसान हुआ है। उन्होंने एक साल में अरबों डॉलर की कीमत पर हमारी बौद्धिक संपदा को चुराया है और वे यह जारी रखना चाहते हैं, लेकिन मैं यह नहीं होने दूंगा।"
उन्होंने कहा कि हमारी महान अमेरिकी कंपनियों को आदेश दिया जाता है कि वे चीन का विकल्प देखना शुरू कर दें और वे वापस देश आने का भी विकल्प रखें तथा अमेरिका में अपने उत्पाद बनाएं।
इससे पहले चीन ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह अमेरिका से आयात किए जाने वाले 75 अरब डॉलर के उत्पादों पर दस फीसदी का जवाबी शुल्क लगाएगा।
अमेरिका और चीन के बीच एक साल से भी ज्यादा समय से चल रहा व्यापार युद्ध सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच अगर व्यापार युद्ध और अधिक जारी रहा तो 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है।